
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 मार्च को घोषणा की कि अमेरिका 3 अप्रैल से सभी आयातित कारों और ऑटो पार्ट्स पर 25% टैरिफ लगाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है, लेकिन इससे विदेशी निर्माताओं और अमेरिकी कंपनियों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है जो अपने वाहनों के लिए विदेशी पुर्जों पर निर्भर हैं।
एलन मस्क की प्रतिक्रिया:
टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने इस टैरिफ के प्रभाव पर चिंता जताई है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस मामले में टेस्ला कोई अपवाद नहीं है। टैरिफ का प्रभाव टेस्ला पर भी महत्वपूर्ण है| यह बयान इस तथ्य को उजागर करता है कि टेस्ला, जो अपनी अधिकांश उत्पादन अमेरिका में करती है, फिर भी कुछ महत्वपूर्ण ऑटो पार्ट्स के लिए विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है।
टेस्ला पर संभावित प्रभाव:
टेस्ला अपनी कारों के निर्माण में उपयोग होने वाले कुछ पुर्जों का आयात विभिन्न देशों से करती है। नए टैरिफ के लागू होने से इन आयातित पुर्जों की लागत बढ़ेगी, जिससे टेस्ला की उत्पादन लागत में वृद्धि होगी। यह संभावना है कि कंपनी को या तो इन बढ़ी हुई लागतों को वहन करना होगा या उन्हें उपभोक्ताओं पर स्थानांतरित करना होगा, जिससे टेस्ला वाहनों की कीमतों में वृद्धि हो सकती है।
व्यापक उद्योग पर प्रभाव:
ट्रंप प्रशासन के इस निर्णय से न केवल टेस्ला, बल्कि अन्य अमेरिकी ऑटो निर्माताओं पर भी प्रभाव पड़ने की संभावना है जो अपने वाहनों के लिए विदेशी पुर्जों पर निर्भर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इन टैरिफ्स के परिणामस्वरूप वाहनों की कीमतों में हजारों डॉलर की वृद्धि हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा और ऑटो उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता प्रभावित होगी।
राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित 25% टैरिफ का प्रभाव व्यापक होगा, और टेस्ला जैसी कंपनियों को अपनी उत्पादन लागत और मूल्य निर्धारण रणनीतियों पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। एलन मस्क की प्रतिक्रिया इस बात को रेखांकित करती है कि यह नीति घरेलू ऑटो उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है, भले ही इसका उद्देश्य अमेरिकी उत्पादन को बढ़ावा देना हो |