ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने रविवार को अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम पर सीधी बातचीत से इनकार कर दिया, जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के धमकी भरे पत्र का पहला आधिकारिक जवाब था।

ट्रंप ने पत्र में धमकी दी थी कि यदि ईरान परमाणु समझौते पर बातचीत नहीं करता, तो वह उस पर बमबारी करेंगे।
राष्ट्रपति पेज़ेश्कियान ने कहा कि ओमान के माध्यम से ईरान की प्रतिक्रिया में अभी भी वाशिंगटन के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत की संभावना बनी हुई है। उन्होंने कहा, “हम वार्ता से बचते नहीं हैं; समस्या वादाखिलाफी की रही है। उन्हें यह साबित करना होगा कि वे भरोसा कायम कर सकते हैं।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2018 में अमेरिका को ईरान के परमाणु समझौते से एकतरफा हटा लिया था। इस पर अमेरिका के विदेश विभाग ने जवाब देते हुए कहा कि “अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने की अनुमति नहीं दे सकता। यदि ईरान समझौता नहीं चाहता, तो राष्ट्रपति के पास अन्य विकल्प हैं, जो ईरान के लिए बहुत बुरे होंगे।”
ट्रंप ने पहले भी चेतावनी दी थी कि यदि ईरान परमाणु समझौते पर सहमत नहीं हुआ, तो “ऐसी बमबारी होगी जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी।” उन्होंने ईरान पर द्वितीयक टैरिफ प्रतिबंध लगाने की भी धमकी दी, जिससे ईरान के व्यापारिक साझेदार प्रभावित होंगे।
तेहरान ने जवाब में कहा कि वह दबाव की नीति के तहत अमेरिका के साथ सीधे वार्ता करने की नीति का पालन नहीं करता। वहीं, संयुक्त राष्ट्र के परमाणु निगरानी संगठन की फरवरी में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम के उत्पादन की गति बढ़ा दी है।