मुंबई: स्टैंड-अप कॉमेडियन कुनाल कामरा ने अपने शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को “गद्दार” कहकर बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। यह शो मुंबई के खार इलाके में स्थित “दि यूनिकॉन्टिनेंटल मुंबई” होटल में हुआ था। उनकी इस टिप्पणी के बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने होटल के कार्यालय में तोड़फोड़ कर दी और खार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करने के लिए इकट्ठा हो गए।
क्या है पूरा मामला?
शुक्रवार को कुनाल कामरा ने अपने शो में फिल्म “दिल तो पागल है” के एक मशहूर गाने का परिवर्तित संस्करण गाकर शिंदे पर कटाक्ष किया। यह 2022 में एकनाथ शिंदे की बगावत और उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने की घटना की ओर इशारा था।
इसके बाद शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए होटल पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ की। पार्टी ने मांग की है कि कुनाल कामरा को तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
शिवसेना नेताओं की प्रतिक्रिया
शिवसेना के सांसद नरेश म्हस्के ने आरोप लगाया कि कुनाल कामरा को उद्धव ठाकरे से पैसे मिले हैं और वह जानबूझकर एकनाथ शिंदे को निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा,
“कामरा एक कॉन्ट्रैक्ट कॉमेडियन है, लेकिन उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने सांप की पूंछ पर पैर रख दिया है। अब अगर फन निकला, तो अंजाम बुरा होगा।”
उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा,
“हम शिवसैनिक बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। अगर हमने तुम्हारा पीछा करना शुरू कर दिया, तो तुम्हें देश छोड़ना पड़ेगा।”
संजय राउत और आदित्य ठाकरे का पलटवार
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“कुनाल कामरा एक प्रसिद्ध लेखक और स्टैंड-अप कॉमेडियन हैं। उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति पर एक पैरोडी गाना बनाया, जिससे शिंदे गुट नाराज हो गया और स्टूडियो में तोड़फोड़ की। देवेंद्र जी, आप बहुत कमजोर गृह मंत्री हैं।”
आदित्य ठाकरे ने भी राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाया और सरकार को आड़े हाथ लिया।
कुनाल कामरा पर एफआईआर की तैयारी
शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने कहा कि वह कुनाल कामरा को उनकी “औकात” दिखाएंगे और उनसे माफी मांगने को कहेंगे। उन्होंने घोषणा की कि वह MIDC पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे।
निष्कर्ष
कुनाल कामरा के इस शो ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। एक तरफ शिवसेना (शिंदे गुट) उन्हें सजा दिलाने की मांग कर रही है, तो दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रही है। अब देखना यह है कि पुलिस और सरकार इस पूरे विवाद पर क्या कदम उठाती हैं।