डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा कदम: अमेरिकी चुनाव प्रणाली में बदलाव, भारत का दिया उदाहरण

वॉशिंगटन:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को एक कार्यकारी आदेश (Executive Order) पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिका में चुनावी प्रणाली में बड़े बदलावों का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें वोटरों के लिए अमेरिकी नागरिकता का प्रमाण दिखाना अनिवार्य करना, केवल उन डाक मतपत्रों (Mail Ballots) को गिनना जो चुनाव दिवस तक प्राप्त हुए हों, और गैर-अमेरिकी नागरिकों को कुछ चुनावों में चंदा देने से प्रतिबंधित करना शामिल है।
भारत और अन्य देशों का दिया उदाहरण
ट्रंप ने भारत और ब्राज़ील का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश वोटर पहचान को बायोमेट्रिक डेटा से जोड़ रहे हैं, जबकि अमेरिका अभी भी नागरिकता के लिए आत्म-घोषणा (Self-Attestation) पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, “जर्मनी और कनाडा वोटों की गिनती के लिए पेपर बैलेट का उपयोग करते हैं, जबकि अमेरिका की चुनाव प्रणाली में बुनियादी सुरक्षा उपायों की कमी है।”
ट्रंप ने यह भी बताया कि डेनमार्क और स्वीडन केवल उन्हीं लोगों को डाक मतपत्र (Mail-in Voting) की अनुमति देते हैं जो व्यक्तिगत रूप से मतदान करने में असमर्थ होते हैं। इसके अलावा, वहां बिना मुहर वाले या देर से आने वाले मतपत्रों को नहीं गिना जाता, जबकि अमेरिका में अब बड़े पैमाने पर डाक द्वारा मतदान को स्वीकार किया जा रहा है।
ट्रंप का चुनाव सुधार आदेश
- अमेरिकी नागरिकता का प्रमाण अनिवार्य:
- अब नए मतदाताओं को पंजीकरण (Voter Registration) के लिए पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र जैसी वैध नागरिकता पहचान दिखानी होगी।
- राज्य सरकारों को अपने मतदाता सूची और उसकी देखभाल के रिकॉर्ड को होमलैंड सिक्योरिटी विभाग और सरकारी दक्षता विभाग को सौंपना होगा।
- यदि कोई राज्य चुनाव अपराधों की जांच में सहयोग नहीं करता, तो उसे संघीय अनुदान (Federal Grants) से वंचित किया जा सकता है।
- केवल चुनाव दिवस तक प्राप्त डाक मतपत्र ही गिने जाएंगे:
- आदेश के अनुसार, वोटिंग केवल चुनाव दिवस (Election Day) तक ही स्वीकार की जाएगी।
- यदि कोई राज्य इस नियम का पालन नहीं करता, तो उसे संघीय वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी।
- QR कोड आधारित वोटिंग सिस्टम पर प्रतिबंध:
- चुनाव आयोग को निर्देश दिया गया है कि वोटिंग सिस्टम में ऐसे बैलेट का उपयोग न हो, जो QR कोड या बारकोड पर निर्भर करता हो।
- अगले छह महीनों में नए मानकों के अनुसार वोटिंग सिस्टम की समीक्षा और पुनः प्रमाणन (Re-Certification) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- गैर-अमेरिकी नागरिकों पर चुनावी चंदे का प्रतिबंध:
- आदेश के तहत, विदेशी नागरिकों और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा अमेरिकी चुनावों में चंदा देने पर रोक लगाई गई है।
- ट्रंप ने कहा, “विदेशी ताकतों ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली में हस्तक्षेप करने के लिए कानूनी खामियों का फायदा उठाया है। इसे बंद किया जाना चाहिए।”
चुनावों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने की कोशिश
ट्रंप, जो 2020 के चुनाव में हारने के बाद से अमेरिकी चुनावी प्रणाली पर सवाल उठाते रहे हैं, ने कहा कि “चुनाव निष्पक्ष और जनता के भरोसे के योग्य होने चाहिए।”
उनका मानना है कि “अमेरिकी नागरिकों के मतों को सही तरीके से गिना जाना चाहिए, बिना किसी गैर-कानूनी हस्तक्षेप के।”
डेमोक्रेट्स का विरोध
हालांकि, डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने ट्रंप के इस आदेश की आलोचना की है और इसे मतदाता अधिकारों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास बताया है। उनका कहना है कि यह आदेश अल्पसंख्यकों और गरीब तबकों के लिए मतदान को कठिन बना सकता है।
ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में चुनाव सुधारों पर बहस तेज हो गई है और इसे लेकर राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है।