
थाई अधिकारियों ने बैंकॉक में निर्माणाधीन 30-मंजिला कार्यालय टॉवर के गिरने की जांच शुरू कर दी है। यह हादसा म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद हुआ। इस आपदा में बैंकॉक की यह एकमात्र ऊंची इमारत थी, जो पूरी तरह से ढह गई, जिससे निर्माण के डिज़ाइन, गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने पूछे कड़े सवाल
प्रधानमंत्री पैटोंगटार्न शिनावात्रा ने इस इमारत के गिरने पर चिंता व्यक्त की और सवाल उठाए कि “जब अन्य इमारतें सुरक्षित रहीं, तो यह इमारत क्यों गिरी?” उन्होंने कहा, “मैं जानना चाहती हूं कि इस इमारत को डिज़ाइन करने की प्रक्रिया कैसे शुरू हुई? इसे मंज़ूरी कैसे मिली? गलती कहां हुई?” उन्होंने एक आधिकारिक जांच का आदेश दिया है और विशेषज्ञों की टीम इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग?
सोमवार को प्रेस वार्ता में उद्योग मंत्री अकानत प्रोम्फन ने बताया कि मलबे से लिए गए स्टील के नमूने घटिया गुणवत्ता के पाए गए। उन्होंने कहा, “इमारत का गिरना कई कारणों से हो सकता है—डिज़ाइन, निर्माण, या सामग्री की गुणवत्ता। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक है—निर्माण सामग्री का मानक।”
इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट ऑफ थाईलैंड के नट्टाफोल सुथिथम ने बताया कि कमज़ोर स्टील संरचनात्मक जोखिम बढ़ाता है, लेकिन यह गिरावट की एकमात्र वजह नहीं हो सकती।
इंजीनियरिंग में कमज़ोरियां और डिज़ाइन की समस्या
गृह मंत्री अनुटिन चार्नवीराकुल ने कहा कि इस घटना की गहन वैज्ञानिक जांच होगी ताकि यह समझा जा सके कि डिज़ाइन, निर्माण या निरीक्षण प्रक्रिया में गलती कहां हुई। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि इमारत की स्टील रीइंफोर्समेंट (मजबूती के लिए इस्तेमाल किया गया स्टील) में गंभीर खामियां हो सकती हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकॉक की ज़मीन मुलायम गाद वाली मिट्टी से बनी है, जो भूकंप के दौरान कंपन को बढ़ा देती है। कई ऊंची इमारतें बीम-रहित डिज़ाइन के आधार पर बनाई गई हैं, जो निर्माण लागत को कम करती हैं, लेकिन भूकंप के झटकों को सहन करने में कमजोर होती हैं।
इंपीरियल कॉलेज लंदन के प्रोफेसर क्रिश्चियन मालागा-चुकिटायपे ने कहा, “यह डिज़ाइन सस्ता और आर्किटेक्चर के हिसाब से अच्छा होता है, लेकिन भूकंप में यह अचानक और पूरी तरह से विफल हो सकता है।”
निर्माण कंपनी की छवि को झटका, शेयरों में भारी गिरावट
बैंकॉक के गवर्नर चडचार्ट सित्तिपुंट ने सोमवार को हादसे की जगह का दौरा किया और कहा, “अगर एक भी जीवन बचाया जा सकता है, तो हमें पूरी मेहनत करनी चाहिए।”
हालांकि, इस हादसे से थाईलैंड की बिल्डिंग सेफ्टी रेगुलेशन (निर्माण सुरक्षा नियमों) को लेकर बहस छिड़ गई है।
इस त्रासदी के बाद इटालियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी नामक कंपनी, जो इस परियोजना के पीछे थी, के शेयरों में 27% की भारी गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा, चाइना रेलवे नंबर 10 इंजीनियरिंग ग्रुप, जो इस इमारत का निर्माण कर रहा था, ने पहले इस इमारत की गुणवत्ता को ऑनलाइन वीडियो में सराहा था, लेकिन अब इस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
बचाव अभियान जारी, 19 की मौत, कई अब भी लापता
रेस्क्यू ऑपरेशन सोमवार को भी जारी रहा। बैंकॉक में इस हादसे में मरने वालों की संख्या 19 तक पहुंच चुकी है, लेकिन अभी भी कई लोग मलबे में दबे हुए हैं। बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आई, लेकिन बाद में तेज़ गर्मी ने राहत कार्य को और कठिन बना दिया।
आपातकालीन चेतावनी प्रणाली पर सवाल
इस हादसे के बाद थाईलैंड की आपातकालीन चेतावनी प्रणाली पर भी सवाल उठे हैं। प्रधानमंत्री शिनावात्रा ने स्वीकार किया कि जब भूकंप आया, तो अलर्ट मैसेज देर से भेजे गए और बहुत से लोगों तक नहीं पहुंचे। उन्होंने आपातकालीन चेतावनी प्रणाली की समीक्षा के आदेश दिए हैं।
म्यांमार में हालात और भी बदतर
इस भूकंप ने म्यांमार में सबसे अधिक तबाही मचाई है, जहां 2,000 से अधिक लोग मारे गए और 3,900 से अधिक लोग घायल हुए। म्यांमार की सैन्य सरकार ने एक सप्ताह के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है और पीड़ितों के लिए एक मिनट का मौन रखने की अपील की है।
म्यांमार पहले से ही 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से राजनीतिक और मानवीय संकट से जूझ रहा है, और यह आपदा वहां की स्थिति को और खराब कर सकती है।