
केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोपों को किया खारिज
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार (4 अप्रैल 2025) को राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश करते हुए विपक्ष के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि यह विधेयक मुस्लिमों की जमीन या उनके अधिकार छीनने के लिए लाया गया है।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि केंद्रीय वक्फ परिषद में गैर-मुसलमानों को शामिल करने को लेकर जताई जा रही आशंकाएं निराधार हैं। मुसलमान परिषद में बहुसंख्यक रहेंगे और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रस्तावित विधेयक का धर्म से कोई संबंध नहीं है, बल्कि यह केवल संपत्तियों के प्रबंधन से संबंधित है।
वक्फ संपत्तियों की संख्या में वृद्धि
संसद में जानकारी देते हुए श्री रिजिजू ने बताया कि वर्ष 2004 में वक्फ संपत्तियों की संख्या 4.9 लाख थी, जो अब बढ़कर 8.72 लाख हो गई है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वक्फ संपत्तियां देश में रक्षा और रेलवे के बाद सबसे बड़े भूमि हिस्से के रूप में मौजूद हैं।
संशोधन पर संसदीय जांच के बाद निर्णय
मंत्री ने यह भी बताया कि विधेयक को संसद की संयुक्त समिति द्वारा जांच के बाद संशोधित किया गया, जिसमें यह अनुशंसा की गई कि विधेयक को पूर्वव्यापी (रेट्रोस्पेक्टिव) रूप से लागू नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय वक्फ परिषद में कुल 22 सदस्य होंगे, जिनमें से अधिकतम चार गैर-मुस्लिम होंगे, जिनमें कुछ पदेन (ex-officio) सदस्य भी शामिल होंगे। इसके अलावा, तीन सांसद होंगे, जो किसी भी धर्म के हो सकते हैं। परिषद में दो महिला सदस्यों को भी शामिल करने का प्रावधान रखा गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि परिषद में बहुसंख्यक सदस्य मुसलमान ही रहेंगे, इसलिए गैर-मुसलमानों के बहुसंख्यक होने का सवाल ही नहीं उठता।