Wednesday, July 2, 2025

प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात की: भारत और यूरोपीय संघ व्यापार, तकनीक और सुरक्षा में सहयोग करेंगे

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा: भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को नया आयाम

परिचय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा को “अभूतपूर्व” बताया। यह यात्रा भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और गतिशीलता जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के लिए एक खाका तैयार करने का अवसर बनी है। इसके अलावा, दोनों पक्ष इस साल के अंत तक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।

भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी: विश्वास और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित

भारत और यूरोपीय संघ के बीच पिछले दो दशकों से चल रही रणनीतिक साझेदारी को प्रधानमंत्री मोदी ने “स्वाभाविक और जैविक” बताया। उन्होंने कहा कि यह साझेदारी विश्वास, लोकतांत्रिक मूल्यों में साझा आस्था और समृद्धि एवं प्रगति के प्रति समान प्रतिबद्धता पर आधारित है। यह संबंध समय के साथ और भी प्रगाढ़ हो रहा है और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

उर्सुला वॉन डेर लेयेन का दृष्टिकोण: अनिश्चितता के दौर में भारत एक स्तंभ

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भारत को “बढ़ती अनिश्चितता के दौर में एक स्तंभ” कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “सत्तावादी राष्ट्र अधिक साहसी होते जा रहे हैं, सीमाओं की अनदेखी कर रहे हैं और समुद्र में शांति को खतरे में डाल रहे हैं।” इस पृष्ठभूमि में, उन्होंने भारत और यूरोपीय संघ के बीच सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।

व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा: तीन मुख्य स्तंभ

भारत और यूरोपीय संघ ने व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा को अपने सहयोग के तीन मुख्य स्तंभ के रूप में चुना है। इन क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित पहल की गई हैं:

  • व्यापार: द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को वर्ष के अंत तक अंतिम रूप देने का लक्ष्य।
  • प्रौद्योगिकी: अर्धचालक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), उच्च प्रदर्शन कम्प्यूटिंग और 6G जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की योजना।
  • सुरक्षा: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा सहयोग को मजबूत करना।

योग्य श्रमिकों और छात्रों के लिए गतिशीलता में वृद्धि

यूरोपीय संघ भारत के कुशल श्रमिकों और छात्रों के लिए अधिक गतिशीलता की अनुमति देने पर सहमत हुआ है। इससे न केवल भारत की युवा शक्ति को वैश्विक मंच पर अवसर मिलेंगे, बल्कि दोनों क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा।

20 मंत्री स्तरीय बैठकों में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि दो दिवसीय उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 20 मंत्री स्तरीय बैठकों का आयोजन किया गया। इन बैठकों में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर गंभीर और सार्थक चर्चाएं हुईं। यह यात्रा भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को नई ऊँचाइयों पर ले जाने में मील का पत्थर साबित हुई।

निवेश ढांचे को मजबूत करना: निवेश संरक्षण और GI समझौता

भारत और यूरोपीय संघ ने निवेश ढांचे को मजबूत करने के लिए निवेश संरक्षण और भौगोलिक संकेतक (GI) समझौते को आगे बढ़ाने पर चर्चा की है। इससे द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा मिलने के साथ ही व्यापारिक संबंधों में भी मजबूती आएगी।

प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग

प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में भारत और यूरोपीय संघ ने सुरक्षित और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला को प्राथमिकता दी है। अर्धचालक, AI, उच्च प्रदर्शन कम्प्यूटिंग और 6G के अलावा, दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष संवाद (Space Dialogue) शुरू करने का भी निर्णय लिया है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता

भारत और यूरोपीय संघ ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि के महत्व को स्वीकार किया है। इस संदर्भ में, यूरोपीय संघ ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल (Indo Pacific Oceans Initiative) में शामिल होने का निर्णय लिया है।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा

प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान शुरू किए गए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा को आगे बढ़ाने के कदमों की भी घोषणा की। यह गलियारा वैश्विक व्यापार को नए आयाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

निष्कर्ष

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की भारत यात्रा ने भारत और यूरोपीय संघ के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया है। यह यात्रा न केवल व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी, बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।

FAQs

  1. भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (FTA) क्या है?
    यह एक द्विपक्षीय समझौता है जो व्यापार बाधाओं को कम करके दोनों क्षेत्रों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करेगा।
  2. यात्रा के दौरान किन क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा हुई?
    व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, नवाचार, और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर जोर दिया गया।
  3. हिंद-प्रशांत महासागर पहल क्या है?
    यह पहल क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा शुरू की गई है।
  4. भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे का महत्व क्या है?
    यह गलियारा वैश्विक व्यापार को सुगम बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
  5. अंतरिक्ष संवाद (Space Dialogue) क्या है?
    यह भारत और यूरोपीय संघ के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और नवाचार में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई पहल है।

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