
सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत मामले में दी क्लीन चिट, रिया चक्रवर्ती को मिली राहत
नई दिल्ली/मुंबई: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लगभग साढ़े चार साल बाद मामले को बंद कर दिया है और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को क्लीन चिट दे दी है। यह मामला पूरे देश में काफी चर्चा में रहा था। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने दो मामलों में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है।
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए थे। इस घटना के छह दिन पहले उनकी पीआर मैनेजर दिशा सालियान की भी मौत हो गई थी।
पटना और मुंबई में दायर हुई क्लोज़र रिपोर्ट
सीबीआई ने जिन दो मामलों की जांच की थी, उनमें से एक मामला अगस्त 2021 में पटना में सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा रिया और उनके परिवार के खिलाफ दर्ज कराया गया था। दूसरा मामला रिया ने सितंबर 2021 में सुशांत की बहन और उनके डॉक्टर के खिलाफ दर्ज किया था।
सीबीआई ने दोनों मामलों में विशेष मुंबई कोर्ट में अपनी क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी है।
रिया के वकील ने दी प्रतिक्रिया
रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने कहा, “रिया को इस मामले में बेवजह फंसाया गया था और 27 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। अंततः न्यायमूर्ति सरंग वी कोतवाल ने उन्हें जमानत दी। इस दौरान रिया और उनके परिवार को काफी मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। निर्दोष लोगों को मीडिया और जांच एजेंसियों के सामने घसीटा गया। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसा किसी और के साथ न हो।”
मुंबई पुलिस ने बताया था आत्महत्या का मामला
मुंबई पुलिस ने अपनी प्रारंभिक जांच में इस मामले को संदिग्ध आत्महत्या बताया था, हालांकि कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण “फांसी लगाने के कारण दम घुटना” बताया गया था।
इसी बीच, बुधवार को दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान ने अपनी बेटी की मौत को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि दिशा का गैंगरेप और हत्या की गई थी और उन्होंने सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि सुशांत इस घटना से डर गए थे और बार-बार कह रहे थे कि ‘वे लोग’ जिन्होंने दिशा को मारा, उन्हें भी मार देंगे।
सीबीआई की जांच और निष्कर्ष
सीबीआई ने इस मामले में रिया, उनके माता-पिता इंद्रजीत और संध्या चक्रवर्ती, उनके भाई शोविक चक्रवर्ती, सुशांत के मैनेजर सैमुअल मिरांडा और श्रुति मोदी को आरोपी बनाया था।
मामले में बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी, चोरी, धमकी और विश्वासघात जैसी धाराएं लगाई गई थीं।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच शुरू की लेकिन रिया के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला। फिर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने ड्रग्स से जुड़े आरोपों में जांच की और रिया को गिरफ्तार कर लिया।
एम्स की रिपोर्ट में हत्या की थ्योरी खारिज
सीबीआई ने एम्स (AIIMS) की फोरेंसिक टीम को भी जांच में शामिल किया, जिसने अक्टूबर 2020 में अपनी रिपोर्ट में हत्या की थ्योरी को खारिज कर दिया। हालांकि, सीबीआई ने कहा था कि वे सभी एंगल से जांच कर रहे हैं।
अब सीबीआई द्वारा दोनों मामलों में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल करने के बाद, यह मामला आधिकारिक रूप से समाप्त माना जा सकता है।